प्रस्तुति- राकेश सिन्हा, सान्या सिन्हा
होटल प्रोरा - दुनिया का सबसे बड़ा
आपको यह सुनकर बेहद आश्चर्य हो रहा होगा कि दुनिया का सबसे विशाल
होटल, जिसमें 10,000 कमरे हैं, वह पिछले 70 सालों से वीरान पड़ा है। यह भव्य बिल्डिंग
एक खूबसूरत आयलैंड में समुद्र के किनारे स्थित है। ऐसा कुछ जानते ही आपके मन में कई
सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर इतना विशाल होटल किस देश और कौन से शहर में स्थित है। इसे किसने बनवाया था और क्यों बनवाया था। आज तक इसका उपयोग क्यों नहीं किया जा सका ? आखिर क्यों पिछले
70 सालों से यह खंडहर हो रहा है?
तो आइए हम कुछ ऐसे ही सवालों के जवाबों के साथ दुनिया के सबसे विशाल होटल की
ट्रैजिक स्टोरी के बारे में आपको बताते हैं।
विशव का सबसे बड़ा होटल - होटल प्रोरा |
दुनिया का सबसे विशाल होटल जर्मनी के बाल्टिक सागर के रुगेन
आयलैंड में स्थित है । इस सी-फेसिंग होटल में 10,000 बेडरूम हैं। इसका निर्माण करीब
70 साल पहले किया गया था, लेकिन सबसे हैरतअंगेज बात यह है कि तब से लेकर आज तक इस होटल
में एक भी यात्री नहीं रुका है। जर्मनी के नाजी शासन ने इस विशाल होटल दा प्रोरा का
निर्माण 1936 से 1939 के बीच में करवाया था। इसे बनाने में 9000 लेबरफोर्स को तीन साल
लगे थे।
विशव का सबसे बड़ा होटल - होटल प्रोरा |
नाजियों ने इस होटल को एक प्रोग्राम स्ट्रेंथ थ्रू ज्वॉय के
तहत निर्माण करवाया था। विशाल होटल के निर्माण के पीछे उद्देश्य था कि यहां जर्मनी
वर्कर्स को मनोरंजक गतिविधियों में शामिल किया जाए और नाजी प्रोपेगंडा को फैलाया जाए।
स्थानीय लोग बिल्डिंग के स्मारक सरीखे ढांचे के कारण इसे प्रोरा (द कोलोसस) कहते हैं,
जिसका अर्थ झाड़ खंड, झाड़ीदार मैदान, बंजर भूमि आदि होता है।
होटल प्रोरा |
होटल प्रोरा में एक समान 8 बिल्डिंग बनाई गईं और हर बिल्डिंग
की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। यह बिल्डिंग समुद्र से बमुश्किल 150 मीटर दूर है। नाजियों
ने यहां के लंबे समय तक की योजना बनाई थी। इसमें चार एक जैसे रिसार्ट थे, सभी में सिनेमा,
फेस्टिवल हॉल, स्वीमिंग पूल और एक जेट्टी भी थी। यहां एक क्रूज शिप भी खड़ा हो सकता
था।
जर्मनी का तानाशाह शासक एडोल्फ हिटलर का यह प्लान बहुत महत्वाकांक्षी
था। वह एक घुमावदार सी रिसोर्ट बनाना चाहता था, जो विश्व में सबसे विशाल हो। वह चाहता
था कि इस बिल्डिंग में 20,000 से अधिक बिस्तर हों। होटल के हर कमरे की ऐसी योजना बनाई
गई थी कि वहां से समुद्र का नजारा देखा जा सके।
हर कमरा 5 बाय 2.5 मीटर का है। हर कमरे में दो बेड, एक अल्मरी
और एक सिंक बनाया गया है। हर फ्लोर में टॉयलेट्स, शॉवर और बॉलरूम सामूहिक बनाए गए थे।
बिल्डिंग के मध्य में यह व्यवस्था की गई थी कि युद्धकाल में इसे अस्पताल में बदला जा
सके।
हिटलर का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूरा होता इससे पहले ही
द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हो गया। उसने बिल्डिंग के निर्माण में लगे कर्मचारियों को
पीनेमंडे वेपन प्लांट में हथियारों के उत्पादन के लिए भेज दिया था। द्वितीय विश्वयुद्ध
के दौरान मित्र देशों की बमबारी के दौरान हमबर्ग से विस्थापित हुए लोगों ने यहां शरण
लि थे। (द्वितीय विश्व युद्व में ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ, अमेरिका, चीन आदि मित्र
राष्ट्र कहलाते थे जबकि जर्मनी, इटली, जापान आदि धुरी राष्ट्र कहलाते थे।)
द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद पूर्वी जर्मनी में विस्थापितों
को दा प्रोरा के एक ब्लाक में रखा गया था। इसके बाद पूर्वी जर्मनी ने इसका उपयोग एक
मिलिट्री पोस्ट के लिए किया था। 1990 में पश्चिमी जर्मनी और पूर्वी जर्मनी के एकीकरण
के बाद इस जगह का उपयोग एक मिलिट्री टेक्नीकल स्कूल के लिए किया गया। इसके बाद बाल्कान
देशों से आए विस्थापितों के लिए यह जगह शरण स्थली बनाई गई।
आज भी यह बिल्डिंग काफी खूबसूरत है, हालांकि इसके कुछ ब्लॉकों
को छोड़कर बाकी खंडहर हो गए हैं। 2011 में इसके एक ब्लॉक में 400 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया गया । अभी
प्रोरा को 300 बिस्तरों वाले एक हॉलिडे रिसॉर्ट में बदलने की तैयारी है। इसमें टेनिस
कोर्ट, स्वीमिंग पूल और शॉपिंग सेंटर होगा।
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