शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

लडके पर्दे में और लडकियों को पूरी आजादी

 

 

प्रस्तुति- स्वामी शरण

 

 लड़के छिपाकर औरतों को पूरी आजादी

इस समाज के बारे में सुनेंगे तो दांतों तले उंगली दबा लेंगे। क्या कभी ऐसा सुना है कि ऐसी भी एक जगह है जहां लड़के रहते हैं पर्दे में और लड़कियों को है पूरी आजादी?
इस जगह है दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान के पास। यहां तुआरेग नाम की जनजाति रहती थी जो समय के साथ अब साउथ अफ्रीका के नाइजर के पास रहती है।
यहां की परंपराओं को सुनेंगे तो होश फाख्ता हो जाएंगें।
वैसे तो दुनिया के कई हिस्सों में महिलाओं को ही सभी तरह के शर्म-लिहाज को अपनाना होता है। पर यहां का मामला बिल्कुल उल्टा है।
यहां महिलाओं को शादी से पहले कई शादी से पहले कई मर्दों से संबंध बनाने की इजाजत होती है।
यहीं नहीं वो अपने मन से ही शादी करती हैं। ना चाहें तो कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता।उनकी आजादी में ये भी शामिल है कि वो शादीशुदा जिंदगी के बावजूद भी किसी और पुरुष से संबंध रख सकती हैं।यहां पुरुषों को महिलाओं का काफी सम्मान करना होता है।
जवान होते लड़कों को अपना चेहरा समाज से छिपाकर रखना होता है। ये वहां का नियम है।तुआगो जनजाति में महिलाएं कभी भी चाहें तो पति को सदा के लिए छोड़ सकती हैं। यहां शादियां और आए-दिन तलाक काफी आम है।
यहां तो तलाक मिलने पर पत्नी के घरवालों का जश्न मनाना भी आम है। यही नहीं तलाकशुदा पतियों को यहां महिलाएं कम ही भाव देती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि तुआगो में तलाक होने पर महिलाओं को जो मांगना होता है वो मांगती हैं।
ये भी नियम है कि महिलाएं किसी तरह का कोई पर्दा नहीं करेंगी क्योंकि उनके चेहरों को मर्दों को दिखाया जाना चाहिए, ऐसी मान्यता है। यहां बड़े-बड़े फैसलों को लेने के बाद भी मर्दों को स्त्रियों की इजाजत लेनी होती है।  घर में मां और सांस का खासी इज्जत होती है।
बल्‍कि आपको बताएं कि यहां तो घर का दूल्हा अपनी सांस के सामने बैठकर खाना ही नहीं खा सकता। उसे अलग कमरे में सांस के खाने के बाद ही खाना होता है। उसे सूरज डूबने के बाद आना होता है, सूरज उगने से पहले चल जाना होता है।
भले ही महिला तुआरेग जनजाति में कभी शादी ना करे, लेकिन उसकी इज्जत में समाज में कोई कमी नहीं आती

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