रविवार, 21 मार्च 2021

38 साल की उम्र में हुआ था मीना कुमारी का निधन

 आखिर क्यों #मीना_कुमारी की मौत पर नरगिस दत्त ने कहा था- 'मौत मुबारक हो', 



कुछ क्रिटिक्स ने तो मीना कुमारी को एक ऐसी एक्ट्रेस का तमगा दे दिया था, जिसकी तुलना किसी दूसरी अभिनेत्री से नहीं की जा सकती। मीना कुमारी ने अपने 33 साल के करियर में कुल 92 फिल्मों में काम किया था। उनके नाम और भी कई फिल्में हो सकती थीं, लेकिन उनकी निजी जिंदगी उनकी सफलता के आड़े आने लगी थी। आखिरकार, 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी ने मात्र 38 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। कोमा में जाने के दो दिनों बाद ही मीना कुमारी का निधन हो गया था। उन दिनों अभिनेत्री नरगिस दत्त मीना कुमारी की बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थीं। कहा जाता है कि जब वे अपनी दोस्त मीना कुमारी के अंतिम संस्कार में पहुंची थीं, तब उनके मुंह से निकला था, “मीना कुमारी, मौत मुबारक हो!”। 


एक दिन उन्होंने मीना कुमारी को गार्डन में जोर-जोर से हांफते हुए देखा था, तब जाकर उन्हें उनकी बीमारी का पता चला था। इससे पहले नरगिस जानती तक नहीं थीं कि मीना कुमारी की तबीयत ठीक नहीं है। हालांकि, नरगिस दत्त को यह तो पता था कि उनकी निजी जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। उन्होंने कई बार मीना कुमारी के कमरे से चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनी थी।


  इस बारे में बताते हुए नरगिस दत्त ने लिखा था, “मैंने एक रात मीना कुमारी को गार्डन में हांफते हुए देखा। मैंने उनसे कहा कि आप आराम क्यों नहीं करतीं, आप बहुत थकी हुई दिख रही हैं”। इस पर मीना कुमारी कहती हैं, “बाजी, आराम करना मेरी किस्मत में नहीं है। मैं बस अब सीधे एक बार आराम करूंगी”। इसी रात मैंने मीना कुमारी के कमरे से मारपीट की आवाज़ सुनी। अगले दिन मैंने देखा कि उनकी आंखें सूजी हुई थीं। मैंने कमल अमरोही के सेक्रेटरी बकार से बात की और उनसे कहा कि आखिर वे लोग मीना को मारना क्यों चाहते हैं? मीना ने आप लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। आगे वह आपके लिए कब तक करती रहेगी?”। सेक्रेटरी ने कहा, “जब सही समय आएगा, हम उन्हें आराम करने देंगे”।


इस आर्टिकल में नरगिस ने खुलासा किया था कि इस वाकये के बाद मीना कुमारी ने कमल अमरोही को तलाक दे दिया था, लेकिन इसके बाद वे शराब की लत में बुरी तरह डूब गई थीं। उन्हें शराब की लत इतनी ज्यादा हो गई थी कि इस वजह से उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ा था। वाकये को याद करते हुए नरगिस दत्त ने अपने आर्टिकल में लिखा था, “उस वाकये के बाद मैंने सुना कि वे कमल अमरोही का घर छोड़कर चली गई हैं। उनका बकार के साथ बड़ा झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वे अपने पति कमल अमरोही के घर कभी नहीं गईं। बहुत जल्दी ही वे शराब की आदी हो गई थीं और ज्यादा शराब पीने से उनका लीवर कमजोर हो गया था। जब मैं नर्सिंग होम में उनसे मिलने पहुंची थीं तब मैंने कहा था कि अब वे आजाद हैं, लेकिन ऐसी आजादी का क्या फायदा जब आप खुद को मारने पर तुली हैं”.  


इस पर मीना ने कहा था, “बाजी, मेरे सहने की एक क्षमता है। कमल साहब के सेक्रेटरी की हिम्मत कैसे हुई कि उसने मुझ पर हाथ उठाया? जब मैंने कमल साहब से इसकी शिकायत की तो उन्होंने क्या किया, कुछ भी नहीं। अब मैंने सोच लिया है कि अब मैं उनके पास वापस कभी नहीं जाउंगी”। नरगिस ने अपने आर्टिकल में आगे लिखा था, “मीना कुमारी की तबीयत इतनी नाजुक थी कि डॉक्टर ने उन्हें ये तक कह दिया था कि अगर वे शराब को हाथ लगाती हैं तो उनकी जान तक जा सकती है। इसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए शराब पीना बंद कर दिया था और कुछ वक्त के लिए ठीक भी हो गई थीं। हालांकि, अभी भी उनकी सेहत चिंता का विषय थी। आखिरकार, उनकी आखिरी फिल्म ‘पाकीजा’ की रिलीज़ के बाद उन्हें एक बार फिर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जहां कोमा में दो दिन रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई”। उस दिन को याद करते हुए नरगिस दत्त ने लिखा था, “वह कहा करती थीं- अकेला रहना ही मेरी किस्मत है। मुझे खुद पर दया नहीं आती और न ही तुम्हें आनी चाहिए”।

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