प्रस्तुति- उषा रानी सिन्हा/ राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा
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भारत का राज्य | |
राजधानी | पटना |
सबसे बड़ा शहर | पटना |
जनसंख्या | 10,40,99,452 |
- घनत्व | 1,106 /किमी² |
क्षेत्रफल | 94,163 किमी² |
- ज़िले | 38 |
राजभाषा | हिन्दी[1] |
अतिरिक्त राजभाषा | उर्दू[1] |
गठन | 26 जनवरी 1950 |
सरकार | |
- राज्यपाल | केसरी नाथ त्रिपाठी |
- मुख्यमंत्री | नितीश कुमार |
आइएसओ संक्षेप | IN-BR |
gov.bih.nic.in |
अनुक्रम
सन्दर्भ
लोगों का यह मानना है की बिहार के लोग या बिहार के स्थायी निवाशी बहुत ही मेधावी और मेहनती होते हैं।वह अपने दम पर कोई भी काम करते हैं तथा स्वाभिमान स्वभाव के भी होते हैं।प्राचिन कालों से कहे जाने वाला बिहार का आज साकषरता बहुत कम है।यहाॅ की मिट्टी बहुत उपजाउ है तथा कृषि यहाॅ पर के लोगों का महत्वपुण पेशा है। बिहार के अलावा बढते करम मे बिहारी यहाॅ भी मौजुद हैं। 1) बिहार 2) झारखण्ड 3) उत्तर परदेश 4) दिल्ली एवं नई दिल्ली 5) महाराष्टर् 6) मॅरिशस 7) तिरिनाद 8) नेपाल 9) पाकिस्तान 10) बंगाल(पं बंगाल एवं बंग्लादेश) इसके अलावा भी कुछ एसी जगह हैं जहाॅ पर बिहारी मौजुद हैं।सन् 1936 और 2000 मे ओडिशा और झारखण्ड के अलग हो जाने से बिहार ने कृषि के दम पर और अपने मेधा को लेकर उन्नति की है। आइ आइ टी और यूपीएससी जैसे कठिन परिकषा में हर बार बिहारी हीं अव्वल होते हैं। इनकी बढती निष्ठा और गौरवशाली इतिहास बिहार को एक बार फिर से एक अनोखा और विकसित बिहार बनाए हम यह कामना करते हैं।इतिहास
मुख्य लेख : बिहार का इतिहास
बिहार का ऐतिहासिक नाम मगध है। बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक नाम पाटलिपुत्र है।प्राचीन काल
मुख्य लेख : बिहार का प्राचीन इतिहास
सरण जिले में गंगा नदी के उत्तरी किनारे पर चिरंद, नवपाषाण युग (लगभग
2500-1345 ईसा पूर्व) से एक पुरातात्विक रिकॉर्ड है। बिहार के क्षेत्र
जैसे-मगध, मिथिला और अंगा- धार्मिक ग्रंथों और प्राचीन भारत के महाकाव्यों
में वर्णित हैं।मिथिला को पहली बार इंडो-आर्यन लोगों ने विदेहा साम्राज्य की स्थापना के बाद प्रतिष्ठा प्राप्त की। देर वैदिक काल (सी। 1100-500 ईसा पूर्व) के दौरान, वीढ़ा दक्षिण एशिया के प्रमुख राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक बन गया, कुरु और पंकला के साथ। वेदहा साम्राज्य के किंग्स जहां जनक कहलाते थे। मिथिला के जानक में से एक की सीती सीता, वाल्मीकि द्वारा लिखी जाने वाली हिंदू महाकाव्य, रामायण में भगवान राम की पत्नी के रूप में वर्णित है। बाद में Videha किंगडम Vajishi शहर में अपनी राजधानी था जो वाजजी समझौता में शामिल हो गया, मिथिला में भी है। वाजजी के पास एक रिपब्लिकन शासन था जहां राजा राजाओं की संख्या से चुने गए थे। जैन धर्म और बौद्ध धर्म से संबंधित ग्रंथों में मिली जानकारी के आधार पर, वाजजी को 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया था, गौतम बुद्ध के जन्म से पहले 563 ईसा पूर्व में, यह दुनिया का पहला गणतंत्र था।
आधुनिक-पश्चिमी पश्चिमी बिहार के क्षेत्र में मगध 1000 वर्षों के लिए भारत में शक्ति, शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बने। 684 ईसा पूर्व में स्थापित हरियाणा वंश, राजगढ़ (आधुनिक राजगीर) के शहर से मगध पर शासन किया। इस वंश के दो प्रसिद्ध राजाएं बिंबिसारा और उनके बेटे अजातशत्रु थे, जिन्होंने अपने पिता को सिंहासन पर चढ़ने के लिए कैद कर दिया था। अजातशत्र ने पाटलिपुत्र शहर की स्थापना की जो बाद में मगध की राजधानी बन गई। उन्होंने युद्ध की घोषणा की और वाजजी को जीत लिया। हिरुआँ वंश के बाद शिशुगाना वंश का पीछा किया गया था। बाद में नंद वंश ने बंगाल से पंजाब तक फैले विशाल मार्ग पर शासन किया।
भारत की पहली साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य द्वारा नंद वंश को बदल दिया गया था मौर्य साम्राज्य और बौद्ध धर्म का धर्म इस क्षेत्र में उभर रहा है जो अब आधुनिक बिहार को बना देता है। 325 ईसा पूर्व में मगध से उत्पन्न मौर्य साम्राज्य, चंद्रगुप्त मौर्य ने स्थापित किया था, जो मगध में पैदा हुआ था। इसकी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में इसकी राजधानी थी। मौर्य सम्राट, अशोक, जो पाटलीपुत्र (पटना) में पैदा हुए थे, को दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा शासक माना जाता है।
240 ए। में मगध में उत्पन्न गुप्त साम्राज्य को विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वाणिज्य, धर्म और भारतीय दर्शन में भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है। 11 वीं शताब्दी में चोल वंश के राजेंद्र चोल प्रथम द्वारा बिहार और बंगाल पर आक्रमण किया गया था।
मध्यकाल
मुख्य लेख : बिहार का मध्यकालीन इतिहास
मगध में बौद्ध धर्म मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी के आक्रमण की वजह से गिरावट में पड़ गया, जिसके दौरान कई विहार और नालंदा और विक्रमशिला के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया गया। यह दावा किया गया कि 12 वीं शताब्दी के दौरान हजारों बौद्ध भिक्षुओं की हत्या हुई थी। डी.एन. झा सुझाव देते हैं, इसके बजाय, ये घटनाएं सर्वोच्चता के लिए लड़ाई में बौद्ध ब्राह्मण की झड़पों का परिणाम थीं। 1540 में, महान पस्तीस के मुखिया, सासाराम के शेर शाह सूरी, सम्राट हुमायूं की मुगल सेना को हराकर मुगलों से उत्तरी भारत ले गए थे। शेर शाह ने अपनी राजधानी दिल्ली की घोषणा की
11 वीं शताब्दी से लेकर 20 वीं शताब्दी तक, मिथिला पर विभिन्न स्वदेशीय
राजवंशों ने शासन किया था। इनमें से पहला, जहां कर्नाट, अनवर राजवंश,
रघुवंशी और अंततः राज दरभंगा के बाद। इस अवधि के दौरान मिथिला की राजधानी
दरभंगा में स्थानांतरित की गई थी।आधुनिक काल
मुख्य लेख : बिहार का आधुनिक इतिहास
1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1912 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम
का राज्य अस्तित्व में आया। 1936 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के
खिलाफ बग़ावत फैलाने में अग्रगण्य घटनाओं में से एक गिना जाता है।
स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और सन् 2000 में झारखंड राज्य
इससे अलग कर दिया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका रही।देखें भारत छोड़ो आन्दोलन और बिहार
भौगोलिक स्थिति
मुख्य लेख : बिहार का भूगोल
उत्तर का पर्वतीय प्रदेश सोमेश्वर श्रेणी का हिस्सा है। इस श्रेणी की औसत उचाई 455 मीटर है परन्तु इसका सर्वोच्च शिखर 874 मीटर उँचा है। सोमेश्वर श्रेणी के दक्षिण में तराई क्षेत्र है। यह दलदली क्षेत्र है जहाँ साल वॄक्ष के घने जंगल हैं। इन जंगलों में प्रदेश का इकलौता बाघ अभयारण्य वाल्मिकीनगर में स्थित है।
मध्यवर्ती विशाल मैदान बिहार के 95% भाग को समेटे हुए है। भौगोलिक तौर पर इसे चार भागों में बाँटा जा सकता है:- 1- तराई क्षेत्र यह सोमेश्वर श्रेणी के तराई में लगभग 10 किलोमीटर चौ़ड़ा कंकर-बालू का निक्षेप है। इसके दक्षिण में तराई उपक्षेत्र है जो प्रायः दलदली है।
2-भांगर क्षेत्र यह पुराना जलोढ़ क्षेत्र है। समान्यतः यह आस पास के क्षेत्रों से 7-8 मीटर ऊँचा रहता है।
3-खादर क्षेत्र इसका विस्तार गंडक से कोसी नदी के क्षेत्र तक सारे उत्तरी बिहार में है। प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ के कारण यह क्षेत्र बहुत उपजाऊ है। परन्तु इसी बाढ़ के कारण यह क्षेत्र तबाही के कगार पर खड़ा है।
गंगा नदी राज्य के लगभग बीचों-बीच बहती है। उत्तरी बिहार बागमती, कोशी, बूढी गंडक, गंडक, घाघरा और उनकी सहायक नदियों का समतल मैदान है। सोन, पुनपुन, फल्गू तथा किऊल नदी बिहार में दक्षिण से गंगा में मिलनेवाली सहायक नदियाँ है। बिहार के दक्षिण भाग में छोटानागपुर का पठार, जिसका अधिकांश हिस्सा अब झारखंड है, तथा उत्तर में हिमालय पर्वत की नेपाल श्रेणी है। हिमालय से उतरने वाली कई नदियाँ तथा जलधाराएँ बिहार होकर प्रवाहित होती है और गंगा में विसर्जित होती हैं। वर्षा के दिनों में इन नदियों में बाढ़ एक बड़ी समस्या है।
राज्य का औसत तापमान गृष्म ऋतु में 35-45 डिग्री सेल्सियस तथा जाड़े में 5-15 डिग्री सेल्सियस रहता है। जाड़े का मौसम नवंबर से मध्य फरवरी तक रहता है। अप्रैल में गृष्म ऋतु का आरंभ होता है जो जुलाई के मध्य तक रहता है। जुलाई-अगस्त में वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसका अवसान अक्टूबर में होने के साथ ही ऋतु चक्र पूरा हो जाता है। औसतन 1205 मिलीमीटर वर्षा का का वार्षिक वितरण लगभग 52 दिनों तक रहता है जिसका अधिकांश भाग मानसून से होनेवाला वर्षण है।
उत्तर में भूमि प्रायः सर्वत्र उपजाऊ एवं कृषियोग्य है। धान, गेंहूँ, दलहन, मक्का, तिलहन, तम्बाकू,सब्जी तथा केला, आम और लीची जैसे कुछ फलों की खेती की जाती है। हाजीपुर का केला एवं मुजफ्फरपुर की लीची बहुत प्रसिद्ध है।
भाषा और संस्कृति
हिंदी, अंगिका, भोजपुरी, मगही,ऊर्दु और मैथिली यहाँ की प्रमुख भाषायें हैं।बिहार की संस्कृति मगध,अंग,मिथिला तथा वज्जी संस्कृतियों का मिश्रण है। नगरों तथा गाँवों की संस्कृति में अधिक फर्क नहीं है। नगरों में भी लोग पारंपरिक रीति रिवाजों का पालन करते है तथा उनकी मान्यताएँ रुढिवादी है। समाज पुरूष प्रधान है। प्रमुख पर्वों में छठ, होली, दिवाली, दशहरा, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्री पंचमी, मुहर्रम, ईद तथा क्रिसमस हैं। सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म स्थान होने के कारण पटना में उनकी जयन्ती पर भी भारी श्रद्धार्पण देखने को मिलता है।
- जातिवाद
- मनोरंजन
- शादी-विवाह
- खानपान
- खेलकूद
उद्योग
राज्य के मुख्य उद्योग हैं - ॰मुंगेर में सिगरेट कारखाना आई टी सी ॰मुंगेर में आई टी सी के अनय उतपाद अगरबती माचिस एम तथा चावल ऑटा आदि का निरमाण ॰मुंगेर में बंदुक फैकटरी ॰मुेंगेर के जमालपुर में रेल कारखाना ॰एशिया परसिध रेल करेन कारखाना जमालपुर ॰भागलपुर में शिलक उधाेग- मुजफ्फरपुर और मोकामा में 'भारत वैगन लिमिटेड' का रेलवे वैगन संयंत्र,
- बरौनी में भारतीय तेल निगम का तेलशोधक कारख़ाना है।
- बरौनी का एच.पी.सी.एल. और अमझोर का पाइराइट्स फॉस्फेट एंड कैमिकल्स लिमिटेड (पी.पी.सी.एल.) राज्य के उर्वरक संयंत्र हैं।
- सीवान, भागलपुर, पंडौल, मोकामा और गया में पांच बड़ी सूत कताई मिलें हैं।
- उत्तर व दक्षिण बिहार में 13 चीनी मिलें हैं, जो निजी क्षेत्र की हैं तथा 15 चीनी मिलें सार्वजनिक क्षेत्र की हैं जिनकी कुल पेराई क्षमता 45,00 टी.पी.ड़ी. है।
- इसके अलावा गोपालगंज, पश्चिमी चंपारन, भागलपुर और रीगा (सीतामढ़ी ज़िला) में शराब बनाने के कारखाने हैं।
- पश्चिमी चंपारन, मुजफ्फरपुर और बरौनी में चमड़ा प्रसंस्करण के उद्योग है।
- कटिहार और समस्तीपुर में तीन बड़े पटसन के कारखाने हैं।
- हाजीपुर में दवाएं बनाने का कारख़ाना औरंगाबाद और पटना में खाद्य प्रसंस्करण और वनस्पति बनाने के कारखाने हैं।
- इसके अलावा बंजारी में कल्याणपुर सीमेंट लिमिटेड नामक सीमेंट कारखाने का बिहार के औद्योगिक नक्शे में महत्वपूर्ण स्थान है।
सिंचाई
बिहार में कुल सिंचाई क्षमता 28.63 लाख हेक्टेयर है। यह क्षमता बड़ी तथा मंझोली सिंचाई परियोजनाओं से जुटाई जाती है। यहाँ बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का सृजन किया गया है और 48.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई प्रमुख सिंचाई योजनाओं के माध्यम से की जाती है।शिक्षा
एक समय बिहार शिक्षा के सर्वप्रमुख केन्द्रों में गिना जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय तथा ओदंतपुरी विश्वविद्यालय प्राचीन बिहार के गौरवशाली अध्ययन केंद्र थे। १९१७ में खुलने वाला पटना विश्वविद्यालय काफी हदतक अपनी प्रतिष्ठा कायम रखने में सफल रहा किंतु स्वतंत्रता के पश्चात शैक्षणिक संस्थानों में राजनीति तथा अकर्मण्यता https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0?wprov=sfla1 करने से शिक्षा के स्तर में गिरावट आई। हाल के दिनों में उच्च शिक्षा की स्थिति सुधरने लगी है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की स्थिति भी अच्छी हो रही है। हाल में पटना में एक भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान और राष्ट्रीय प्राद्यौगिकी संस्थान तथा हाजीपुर में केंद्रीय प्लास्टिक इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्युट तथा केंद्रीय औषधीय शिक्षा एवं शोध संस्थान खोला गया है, जो अच्छा संकेत है।विश्वविद्यालय
बिहार के विश्वविद्यालय
- महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण
- दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बोधगया
- बिहार कृषि विशवविधालय सबौर, भागलपुर
- पटना विश्वविद्यालय, पटना
- मगध विश्वविद्यालय, बोधगया
- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
- तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर
- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा
- जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, छपरा
- भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा
- वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा
- नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, पटना
- मौलाना मजहरुल हक़ अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय,पटना
- राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर
- आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना
चिकित्सा संस्थान
- पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, पटना
- इंदिरागाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना
- नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, पटना
- बुद्धा दंत चिकित्सा संस्थान एवं अस्पताल, पटना
- श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मुजफ्फरपुर
- राय बहादुर टुनकी साह होमियोपैथिक कॉलेज और अस्पताल, मुजफ्फरपुर
- अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गया
- दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, लहेरियासराय
- कटिहार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कटिहार
- जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, भागलपुर
अन्य प्रमुख शैक्षणिक संस्थान
॰शेरिकलचर इंसटीचयूट भागलपुर- चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, पटना
- अनुग्रह नारायण सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना
- ललितनारायण मिश्रा सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना
- केंद्रीय प्लास्टिक इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्युट (सिपेट), हाजीपुर
- केंद्रीय औषधीय शिक्षा एवं शोध संस्थान (नाइपर), हाजीपुर
- होटल प्रबंधन, खानपान एवं पोषाहार संस्थान, हाजीपुर
- प्राकृत जैनशास्त्र एवं अहिंसा संस्थान, वैशाली
सरकार एवं प्रशासन
बिहार सरकार
बिहार राज्य भारतीय गणराज्य के संघीय ढाँचे में द्विसदनीय व्यवस्था के अन्तर्गत आता है। राज्य का संवैधानिक मुखिया राज्यपाल है लेकिन वास्तविक सत्ता मुख्यमंत्री और मंत्रीपरिषद के हाथ में होता है। विधानसभा में चुनकर आनेवाले विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री का चुनाव पाँच वर्षों के लिए किया जाता है जबकि राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। प्रत्यक्ष चुनाव में बहुमत प्राप्त करनेवाले राजनीतिक दल अथवा गठबंधन के आधार पर सरकार बनाए जाते हैं। उच्च सदन या विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष ढंग से ६ वर्षों के लिए होता है।प्रशासनिक व्यवस्था
प्रशासनिक सुविधा के लिए बिहार राज्य को 9 प्रमंडल तथा 38 मंडल (जिला) में बाँटा गया है। जिलों को क्रमश: 101 अनुमंडलों, 534 प्रखंडों, 8,471 पंचायतों, 45,103 गाँवों में बाँटा गया है। राज्य का मुख्य सचिव नौकरशाही का प्रमुख होता है जिसे श्रेणीक्रम में आयुक्त, जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी तथा इनके साथ जुड़े अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण रिपोर्ट करते हैं। पंचायत तथा गाँवों का कामकाज़ सीधेतौर पर चुनाव कराकर मुखिया, सरपंच तथा वार्ड सदस्यों के अधीन संचालित किया जाता है। नगरपालिका आम निर्वाचन 2017 के बाद बिहार में नगर निगमों की संख्या 12, नगर परिषदों की संख्या 49 और नगर पंचायतों की संख्या 80 है।[2][3][4][5][6]पटना, तिरहुत, सारण, दरभंगा, कोशी, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर तथा मगध प्रमंडल के अन्तर्गत आनेवाले जिले इस प्रकार हैं:
मुख्य लेख : बिहार के जिले
- अररिया *अरवल *औरंगाबाद *कटिहार *किशनगंज *खगड़िया *गया *गोपालगंज *छपरा *जमुई *जहानाबाद *दरभंगा *नवादा *नालंदा *पटना *पश्चिम चंपारण *पूर्णिया *पूर्वी चंपारण *बक्सर *बाँका *बेगूसराय *भभुआ *भोजपुर *भागलपुर *मधेपुरा *मुंगेर *मुजफ्फरपुर *मधुबनी *सासाराम *लखीसराय *वैशाली *सहरसा *समस्तीपुर *सीतामढी *सीवान *सुपौल *शिवहर *शेखपुरा
दर्शनीय स्थल
- पटना एवं आसपासः
मुख्य लेख : पटना के पर्यटन स्थल
पटना राज्य की वर्तमान राजधानी तथा महान ऐतिहासिक स्थल है। अतीत में यह सत्ता, धर्म तथा ज्ञान का केंद्र रहा है। निम्न स्थल पटना के महत्वपूर्ण दार्शनिक स्थल हैं:- प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतें: कुम्रहार परिसर, अगमकुआँ, महेन्द्रूघाट, शेरशाह के द्वारा बनवाए गए किले का अवशेष
- ब्रिटिश कालीन भवन: जालान म्यूजियम, गोलघर, पटना संग्रहालय, विधान सभा भवन, हाईकोर्ट भवन, सदाकत आश्रम
- धार्मिक स्थल: हरमंदिर, बड़ी पटनदेवी, छोटी पटनदेवी, महावीर मंदिर, शीतला माता मंदिर, इस्कॉन मंदिर, नवलख्खा मंदिर, सुर्य मंदिर, पादरी की हवेली, शेरशाह की मस्जिद, बेगू ह्ज्जाम की मस्जिद, पत्थर की मस्जिद, जामा मस्जिद, फुलवारीशरीफ में बड़ी खानकाह, मनेरशरीफ - सूफी संत हज़रत याहया खाँ मनेरी की दरगाह
- ज्ञान-विज्ञान के केंद्र: पटना विश्वविद्यालय, सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी, संजय गाँधी जैविक उद्यान, श्रीकृष्ण सिन्हा विज्ञान केंद्र, इन्दिरा गाँधी ताराघर, खुदाबक़्श लाइब्रेरी एवं विज्ञान परिसर
- सारण तथा आसपास
मुख्य लेख : सारण
प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा से लगनेवाला सोनपुर मेला[7], सारण जिला का नवपाषाण कालीन चिरांद गाँव[8], कोनहारा घाट, नेपाली मंदिर, रामचौरा मंदिर, १५वीं सदी में बनी मस्जिद, दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल, महात्मा गाँधी सेतु, गुप्त एवं पालकालीन धरोहरों वाला चेचर गाँव- वैशाली तथा आसपास
- छठी सदी इसापूर्व में वज्जिसंघ द्वारा स्थापित विश्व का प्रथम गणराज्य के अवशेष, अशोक स्तंभ, बसोकुंड में भगवान महावीर की जन्म स्थली, अभिषेक पुष्करणी, विश्व शांतिस्तूप, राजा विशाल का गढ, चौमुखी महादेव मंदिर, भगवान महावीर के जन्मदिन पर वैशाख महीने में आयोजित होनेवाला वैशाली महोत्सव
- राजगीर तथा आसपास
- राजगृह मगध साम्राज्य की पहली राजधानी तथा हिंदू, जैन एवं बौध धर्म का एक प्रमुख दार्शनिक स्थल है। भगवान बुद्ध तथा वर्धमान महावीर से जुडा कई स्थान अति पवित्र हैं। वेणुवन, सप्तपर्णी गुफा, गृद्धकूट पर्वत, जरासंध का अखाड़ा, गर्म पानी के कुंड, मख़दूम कुंड आदि राजगीर के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल हैं।
- नालंदा तथा आसपासः नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, पावापुरी में भगवान महावीर का परिनिर्वाण स्थल एवं जलमंदिर, बिहारशरीफ में मध्यकालीन किले का अवशेष एवं १४वीं सदी के सूफी संत की दरगाह (बड़ी दरगाह एवं छोटी दरगाह), नवादा के पास ककोलत जलप्रपात
- गया एवं बोधगया
- हिंदू धर्म के अलावे बौद्ध धर्म मानने वालों का यह सबसे प्रमुख दार्शनिक स्थल है। पितृपक्ष के अवसर पर यहाँ दुनिया भर से हिंदू आकर फल्गू नदी किनारे पितरों को तर्पण करते हैं। विष्णुपद मंदिर, बोधगया में भगवान बुद्ध से जुड़ा पीपल का वृक्ष तथा महाबोधि मंदिर के अलावे तिब्बती मंदिर, थाई मंदिर, जापानी मंदिर, बर्मा का मंदिर, बौधनी पहाड़ी { इमामगंज }
- भागलपुर तथा आसपास
- प्राचीन शिक्षा स्थल के अलावे यह बिहार में तसर शिल्क उद्योग केंद्र है। पाल शासकों द्वारा बनवाये गये प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय का अवशेष, वैद्यनाथधाम मंदिर, सुलतानगंज, मुंगेर में बनवाया मीरकासिम का किला
- चंपारण
- सम्राट अशोक द्वारा लौरिया में स्थापित स्तंभ, लौरिया का नंदन गढ़, नरकटियागंज का चानकीगढ़, वाल्मीकिनगर जंगल, बापू द्वारा स्थापित भीतीहरवा आश्रम, तारकेश्वर नाथ तिवारी का बनवाया रामगढ़वा हाई स्कूल, स्वतंत्रता आन्दोलन के समय महात्मा गाँधी एवं अन्य सेनानियों की कर्मभूमि तथा अरेराज में भगवान शिव का मन्दिर
- सीतामढी तथा आसपास
- पुनौरा में देवी सीता की जन्मस्थली, जानकी मंदिर एवं जानकी कुंड, हलेश्वर स्थान, पंथपाकड़, यहाँ से सटे नेपाल के जनकपुर जाकर भगवान राम का स्वयंवर स्थल भी देखा जा सकता है।
बिहार के प्रसिद्ध व्यक्ति
मुख्य लेख : बिहार के प्रसिद्ध व्यक्ति
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद (आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति)सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य (मौर्य वंश के जनक)
सम्राट अशोक महावीर जगजीवन राम (स्वतंत्रता सेनानी) डॉ अनुग्रह नारायण (स्वतन्त्रता सेनानी) रामसेवक सिंह (स्वतंत्रता सेनानी) चाणक्य(प्राचीन अर्थशास्त्री) आर्यभट्ट(महान गणितज्ञ) लोकनायक जयप्रकाश नारायण(स्वतंत्रता सेनानी) कर्पूरी ठाकुर(स्वतंत्रता सेनानी)
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- बिहार सरकार का जालस्थल
- बिहार - सांस्कृतिक परिचय एवं अन्य सामग्री
- बिहार : एक सांस्कृतिक वैभव (गूगल पुस्तक ; लेखक - शंकरदयाल सिंह)
- [http://www.brandbihar.com/ ब्राण्ड बिहार : बिहार का प्रतिनिधि
- बिहार वर्कग्रुप - यहाँ पर बिहार के बारे में बहुत सारी सामग्री है।
- जय भोजपुरी
- बिहारी खबर
- बिहार के पृथक राज्य बनने का इतिहास
- जय बिहार (अंग्रेजी में, समाचार-विचार का पोर्टल)
- बिहार : प्राचीन इतिहास
- बिहार का स्वर्णिम युग
- बिहार सरकार का भगवान बुद्ध पर साइट
- बिहार : प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
- बिहार में सबसे पहला/सबसे बड़ा/सबसे छोटा
- तरक्की की राह पर बढ़ता बिहार (बिजनेस स्टैण्डर्ड)
- IIM छात्र चले तरक्की पसंद बिहार की ओर (इकनॉमिक टाइम्स)
- मुंगेर से जुड़ी खबरें, इतिहास और मीडिया रिपोर्ट
- बिहार के बच्चों के लिए भी 'रैंचो का स्कूल'
- पर्यटन में गोवा को भी पीछे छोड़ रहा है बिहार
- सैलानियों का द्वार बना बिहार
- बिहार में निवेश प्रस्तावों की बाढ़
- बिहार की बेटी ने एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा
- अब बिहार का दूध पीएगा इंडिया
- बिहारी बाबुओं के हाथ में दिल्ली की असली 'सत्ता'
- अपना बिहार (बिहार के सतत विकास को समर्पित हिन्दी जालघर)
- भ्रष्ट नौकरशाहों पर नीतीश की नकेल
- बिहार में सुशासन का चला डंडा, भ्रष्ट आईएएस का मकान जब्त
- 13% विकास दर के साथ बिहार देश में शिखर पर (जून, २०१२)
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