शुक्रवार, 14 दिसंबर, 2012 को 12:30 IST तक के समाचार
दुनिया भर में कई भाषा बोलने वाले
लोग रहते हैं लेकिन इन सबके लिए इंटरनेट पर इंगलिश एक साझा भाषा है और ये
एकदम अलग किस्म की भाषा के तौर पर उभर रही है.
इंग्लैंड और अमरीका के बीच 1814 में जो युद्ध हुआ और इस युद्ध के बाद जब अमरीका का उदय हुआ तब अमरीका में बहुत बिखराव था.वेब्स्टर के शब्दकोष में ब्रितानी अंग्रेजी से अलग शब्दावली थी जैसे अमरीका में colour की जगह पर color लिखा गया, traveller के स्थान पर traveler और re की जगह पर er का इस्तेमाल शुरू किया.
अमरीकी अंग्रेजी शब्द theatre की जगह theater लिखते हैं.
इस अमरीकी शब्दावली को तैयार होने में 18 वर्ष लगे और वेब्स्टर ने इसके लिए 26 भाषाओं का अध्ययन किया और 70 हजार नए शब्द जोड़े.
आज इंटरनेट पर इसी तरह की भाषा का निर्माण हो रहा है और शायद इसकी रफ्तार काफी आगे भी है.
इंटरनेट पर अंग्रेजी
कुछ भाषा विज्ञानी मानते हैं कि आने वाले 10 सालों में अंग्रेजी भाषा इंटरनेट पर राज करेगी लेकिन वो अंग्रेजी भाषा आज की अंग्रेजी से जुदा होगी." इंटरनेट पर वो लोग अच्छी और अर्थपूर्ण अंग्रेजी का इस्तेमाल करते हैं जिनकी मूल भाषा अंग्रेजी नहीं है"
प्रोफेसर नाओमी बरोन
इंटरनेट पर लोग ग़ैरे अंग्रेज़ी भाषियों से बातचीत के दौरान लोग धड़ल्ले से अंग्रेजी का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि यहां पर व्याकरण और उच्चारण संबंधी कोई बंदिशें भी नहीं हैं.
अमरीकन विश्वविद्यालय में भाषा विज्ञान की प्रोफेसर नाओमी बैरन कहती हैं, "इंटरनेट पर वो लोग अच्छी और अर्थपूर्ण अंग्रेजी का इस्तेमाल करते हैं जिनकी मूल भाषा अंग्रेजी नहीं है.”
प्रोफेसर नाओमी कहती हैं कि फेसबुक पर तो हिंगलिश(हिंदी-अंग्रेजी), स्पैंगलिश(स्पेनिश-अग्रेजी) और कोंगलिश(कोरियन-अग्रेजी) बोली जा रही है. इस तरह की भाषाओं का तेज़ी से विस्तार हो रहा है.
उनका कहना है कि इंटरनेट पर कुछ शब्द पारंपरिक अंग्रेजी भाषा से सीधे ग्रहण कर लिए गए हैं. जैसे सिंगलिश(सिंगापुर इंग्लिश) में ‘ब्लर’ का अर्थ ‘कन्फ्यूज्ड’(अस्पष्ट) के तौर पर किया जाता है.
तकनीकि कंपनियां इस नई अंग्रेजी भाषा का ख़ास ध्यान रख रही है और इस तरह की नई शब्दावली को कोष में जोड़ रही है जो पहले से कोष में नहीं थीं.
दुनिया की अधिकांश बड़ी कंपनियां की वेबसाइट अंग्रेजी भाषा में है और छोटे व्यापारी भी वैश्विक ग्राहक को लुभाने के लिए साझा भाषा को लेकर काफी कुछ सीख रहे हैं.
हिंग्लिश
उदाहरण के तौर पर हिंग्लिश यानी हिंदी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेजी के मिश्रण से बनी भाषा जो भारतीय ऑनलाइन उपभोक्ताओं के बीच काफी आम है.‘ब्रदर इन लॉ’ की जगह हिंग्लिश में ‘को-ब्रदर’ कहा जाता है. ईव टीजिंग यानी छेड़छाड़ का अब सैक्सुअल हेरासमेंट के स्थान पर इसका इस्तेमाल हो रहा है जिसका अर्थ यौन प्रताड़ना होता है यहां तक कि पोस्टपोन के उलट प्री-पोन शब्द तक का चलन शुरू हो गया है.
दरअसल रोज़मर्रा की ज़िंदगी में जिस तरह इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है वो मिश्रित भाषा के फलने-फूलने का जरिया बन रहा है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें