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संयुक्त राष्ट्र झंडा | |
मुख्यालय | मैनहैटन टापू, न्यूयॉर्क शहर, न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य |
सदस्य वर्ग | 192 सदस्य देश |
अधिकारी भाषाएं | अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी, स्पेनी |
अध्यक्ष | महासचिव बान कीमून |
जालस्थल | http://www.un.org |
द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य मे फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न उभर आए। संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस, रूस, चीन, और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे।
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र मे १९३ देश है, विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश। इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय, और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है।
अनुक्रम[छुपाएँ] |
इतिहास
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1929 में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था. राष्ट्र संघ काफ़ी हद तक प्रभावहीन था और संयुक्त राष्ट्र का उसकी जगह होने का यह बहुत बड़ा फायदा है कि संयुक्त राष्ट्र अपने सदस्य देशों की सेनाओं को शांति संभालने के लिए तैनात कर सकता है ।संयुक्त राष्ट्र के बारे में विचार पहली बार द्वितीय विश्बयुद्ध के समाप्त होने के पहले उभरे थे । द्वितीय भिश्व युद्ध मे विजयी होने वाले देशों ने मिलकर कोशिश की कि वे इस संस्था की संरचन, सदस्यता, आदि के बारे में कुछ निर्णय कर पाए ।
24 अप्रैल 1945 को, द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद, अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को में अंतराष्ट्रीय संस्थाओं की संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुई और यहां सारे 40 उपस्थित देशों ने संयुक्त राष्ट्रिय संविधा पर हस्ताक्षर किया । पोलैंड इस सम्मेलन में उपस्थित तो नहीं थी, पर उसके हस्ताक्षर के लिए खास जगह रखी गई थी और बाद में पोलैंड ने भी हस्ताक्षर कर दिया । सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों के हस्ताक्षर के बाद संयुक्त राष्ट्र की अस्तित्व हुई ।
सदस्य वर्ग
2006 तक संयुक्त राष्ट्र में 192 सदस्य देश है । विश्व के लगभग सारी मान्यता प्राप्त देश सदस्य है । कुछ विषेश उपवाद तइवान (जिसकी स्थिति चीन को 1971 में दे दी गई थी), वैटिकन, फ़िलिस्तीन (जिसको दर्शक की स्थिति का सदस्य माना जा सक्ता है), तथा और कुछ देश । सबसे नए सदस्य देश है मॉंटेनीग्रो, जिसको 28 जून, 2006 को सदस्य बनाया गया ।मुख्यालय
संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पचासी लाख डॉलर के लिए खरीदी भूसंपत्ति पर स्थापित है । इस इमारत की स्थापना का प्रबंध एक अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकारों के समूह द्वारा हुआ । इस मुख्यालय के अलावा और अहम संस्थाएं जनीवा, कोपनहेगन आदि में भी है ।यह संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र अधिकार क्षेत्र तो नहीं हैं, परंतु उनको काफ़ी स्वतंत्रताएं दी जाती है ।
भाषाएं
संयुक्त राष्ट्र ने 6 भाषाओं को "राज भाषा" स्वीकृत किया है (अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी और स्पेनी), परंतु इन में से केवल दो भाषाओं को संचालन भाषा माना जाता है (अंग्रेज़ी और फ़्रांसीसी) ।स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी) और 1973 में अरबी और स्पेनी को भी संमिलित किया गया । इन भाषाओं के बारे में काफ़ी विवाद उठता है । कुछ लोगों का मानना है कि राज भाषाओं को 6 से एक (अंग्रेज़ी) तक घटाना चाहिए, परंतु इनके विरोध है बे जो मानते है कि राज भाषाओं को बढ़ाना चाहिए । इन लोगों में से काफ़ी का मानना है कि हिंदी को संमिलित करना आवश्यक है ।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिकी अंग्रेज़ी की जगह ब्रिटिश अंग्रेज़ी का प्रयोग करता है । 1971 तक, जब तक संयुक्त राष्ट्र तईवान के सरकार को चीन का अधिकारी सरकार माना जाता था, चीनी भाषा के परम्परागत अक्षर का प्रयोग चलता था । जब तईवान की जगह आज के चीनी सरकार को स्वीकृत किया गया, संयुक्त राष्ट्र ने सरलीकृत अक्षर के प्रयोग का प्रारंभ किया ।
उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र के व्यक्त उद्देश्य हैं युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतर्राष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारना, जीवन स्तर सुधारना और बिमारियों से लड़ना । सदस्य राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं और राष्ट्रीय मामलों को सम्हालने का मौका मिलता है । इन उद्देश्य को निभाने के लिए 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा प्रमाणित की गई ।मानव अधिकार
द्वितीय विश्वयुद्ध के जातिसंहार के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने मानव अधिकारों को बहुत आवश्यक समझा था । ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकना अहम समझकर, 1948 में सामान्य सभा ने मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत किया । यह अबंधनकारी घोषणा पूरे विश्व के लिए एक समान दर्जा स्थापित करती है, जो कि संयुक्त राष्ट्र समर्थन करने की कोशिश करेगी ।15 मार्च 2006 को, समान्य सभा ने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकारों के आयोग को त्यागकर संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद की स्थापना की ।
आज मानव अधिकारों के संबंध में सात संघ निकाय स्थापित है । यह सात निकाय हैं:
- मानव अधिकार संसद
- आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद
- जातीय भेदबाव निष्कासन संसद
- नारी विरुद्ध भेदभाव निष्कासन संसद
- यातना विरुद्ध संसद
- बच्चों के अधिकारों का संसद
- प्रवासी कर्मचारी संसद
संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन वूमेन)
विश्व में महिलाओं के समानता के मुद्दे को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्व निकाय के भीतर एकल एजेंसी के रूप में संयुक्त राष्ट्र महिला के गठन को ४ जुलाई २०१० को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। वास्तविक तौर पर ०१ जनवरी २०११ को इसकी स्थापना की गयी। मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में बनाया गया है। यूएन वूमेन की वर्तमान प्रमुख चिली की पूर्व प्रधानमंत्री सुश्री मिशेल बैशलैट हैं। संस्था का प्रमुख कार्य महिलाओं के प्रति सभी तरह के भेदभाव को दूर करने तथा उनके सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास करना होगा। उल्लेखनीय है कि १९५३ में ८वें संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष होने का गौरव भारत की विजयलक्ष्मी पण्डित को प्राप्त है। संयुक्त राष्ट्र के ४ संगठनों का विलय करके नई इकाई को संयुक्त राष्ट्र महिला नाम दिया गया है। ये संगठन निम्नवत हैं:- संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष १९७६ / UN Development Fund For Women UNIFEM 1976
- महिला संवर्धन प्रभाग १९४६ /Division for the Advancement of the Women DAW 1946
- लिंगाधारित मुद्दे पर विशेष सलाहकार कार्यालय १९९७ /Office of the Special Adviser on Gender Issues OSAGI 1997
- महिला संवर्धन हेतु संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शोध और प्रशिक्षण संस्थान १९७६ /UN International Research and Training Institute for the Advancement of Women UN INSTRAW 1976
शांतिरक्षा
संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक वहां भेजे जाते हैं जहां हिंसा कुछ देर पहले से बंद है ताकि वह शांति संघ की शर्तों को लगू रखें और हिंसा को रोककर रखें । यह दल सदस्य राष्ट्र द्वारा प्रदान होते हैं और शांतिरक्षा कर्यों में भाग लेना वैकल्पिक होता है । विश्व में केवल दो राष्ट्र हैं जिनने हर शांतिरक्षा कार्य में भाग लिया है: कनाडा और पुर्तगाल । संयुक्त राष्ट्र स्वतंत्र सेना नहीं रखती है । शांतिरक्षा का हर कार्य सुरक्षा परिषद द्वारा अनुमोदित होता है ।संयुक्त राष्ट्र के संस्थापकों को ऊंची उम्मीद थी की वह युद्ध को हमेशा के लिए रोक पाएंगे, पर शीत युद्ध (1945 - 1991) के समय विश्व का विरोधी भागों में विभाजित होने के कारण, शांतिरक्षा संघ को बनाए रखना बहुत कठिन था ।
संघ की स्वतंत्र संस्थाएं
मुख्य लेख : संयुक्त राष्ट्र की स्वतंत्र संस्थाएं
विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन शामिल हैं। इनका संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सहयोग समझौता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की अपनी कुछ प्रमुख संस्थाएं और कार्यक्रम हैं। [1] ये इस प्रकार हैं:- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी – विएना में स्थित यह एजेंसी परमाणु निगरानी का काम करती है।
- अंतर्राष्ट्रीय अपराध आयोग – हेग में स्थित यह आयोग पूर्व यूगोस्लाविया में युद्द अपराध के सदिंग्ध लोगों पर मुक़दमा चलाने के लिए बनाया गया है।
- संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ़) – यह बच्चों के स्वास्थय, शिक्षा और सुरक्षा की देखरेख करता है।
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) – यह ग़रीबी कम करने, आधारभूत ढाँचे के विकास और प्रजातांत्रिक प्रशासन को प्रोत्साहित करने का काम करता है।
- संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन-यह संस्था व्यापार, निवेश और विकस के मुद्दों से संबंधित उद्देश्य को लेकर चलती है।
- संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईकोसॉक)- यह संस्था सामान्य सभा को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में सहायता एवं सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने में प्रयासरतहै।
- संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक परिषद – पेरिस में स्थित इस संस्था का उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान संस्कृति और संचार के माध्यम से शांति और विकास का प्रसार करना है।
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) – नैरोबी में स्थित इस संस्था का काम पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देना है।
- संयुक्त राष्ट्र राजदूत – इसका काम शरणार्थियों के अधिकारों और उनके कल्याण की देखरेख करना है। यह जीनिवा में स्थित है।
- विश्व खाद्य कार्यक्रम – भूख के विरुद्द लड़ाई के लिए बनाई गई यह प्रमुख संस्था है।इसका मुख्यालय रोम में है।
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ- अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम वनाता है।
संदर्भ
- ↑ संयुक्त राष्ट्र - एक परिचय।बीबीसी-हिन्दी
बाहरी कडियाँ
- संयुक्त राष्ट्रसंघ (गूगल पुस्तक ; लेखक - राधेश्याम चौरसिया)
- संयुक्त राष्ट्र के 60 साल: कुछ उपलब्धियाँ, कई विफलताएँ (बीबीसी पर)
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