प्रस्तुति-- दिनेश कुमार सिन्हा
हर रोज तीन से चार घंटे टीवी देखना आपसे जिंदगी के कीमती साल छीन सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है ज्यादा टीवी देखने वालों की कम उम्र में मृत्यु की संभावना उन लोगों से लगभग दोगुनी होती है जो टीवी के सामने कम समय बिताते हैं.
अमेरिकन हार्ट असोसिएशन पत्रिका में छपी रिपोर्ट सुस्त जीवनशैली के नुकसान
बयान करती ताजा रिसर्च के बारे में बताती है. इस आलसी किस्म की जीवनशैली से
लोग अपने लिए उच्च रक्तचाप, मोटापे, कैंसर और दिल की बीमारियों के खतरे
बढ़ा लेते हैं.
रिपोर्ट के प्रमुख लेखक मार्टिनेज गोंजालेस कहते हैं, "हमारी खोज इस दिशा में किए गए पुराने शोधों का समर्थन करती है, जिनमें टीवी देखने से बढ़ने वाले मौत के खतरों का जिक्र किया जा चुका है." गोंजालेस स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ नवारा में जनस्वास्थ्य विभाग के प्रमुख हैं.
इस रिसर्च में स्पेनी यूनिवर्सिटियों से स्नातक की पढ़ाई कर चुके 13 हजार लोगों को शामिल किया गया. इन लोगों की उम्र औसतन 37 साल थी, और उनमें से 60 फीसदी महिलाएं थीं. रिसर्चर यह पता लगाना चाहते थे कि क्या ज्यादा टीवी देखने और कम समय में मृत्यु के बीच कोई संबंध है.
रिपोर्ट के प्रमुख लेखक मार्टिनेज गोंजालेस कहते हैं, "हमारी खोज इस दिशा में किए गए पुराने शोधों का समर्थन करती है, जिनमें टीवी देखने से बढ़ने वाले मौत के खतरों का जिक्र किया जा चुका है." गोंजालेस स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ नवारा में जनस्वास्थ्य विभाग के प्रमुख हैं.
इस रिसर्च में स्पेनी यूनिवर्सिटियों से स्नातक की पढ़ाई कर चुके 13 हजार लोगों को शामिल किया गया. इन लोगों की उम्र औसतन 37 साल थी, और उनमें से 60 फीसदी महिलाएं थीं. रिसर्चर यह पता लगाना चाहते थे कि क्या ज्यादा टीवी देखने और कम समय में मृत्यु के बीच कोई संबंध है.
उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि ये लोग हर दिन कितना समय कंप्यूटर के
सामने बिताते हैं, और क्या देर तक ड्राइविंग करने से भी इसका कुछ संबंध है?
जब उन्होंने रिसर्च शुरू की तो शोध में शामिल किए गए सभी लोग स्वस्थ थे.
वे लोग जो हर रोज तीन घंटे से ज्यादा टीवी देखने वाले थे, उनकी जल्द मृत्यु की संभावना उन लोगों से लगभग दोगुनी थी जो एक घंटा या उससे भी कम समय के लिए टीवी देखते थे.
इन मामलों में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण कैंसर को पाया गया. 46 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई. 32 लोग अन्य कारणों से और 19 की मौत हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हुई.
हालांकि रिसर्चर अभी तक इस बारे में पता नहीं लगा सके हैं कि कंप्यूटर पर खर्च किए जाने वाले समय और जल्द मौत के बीच किसी तरह का संबंध है या नहीं. इससे यह भी ठीक ठीक तय नहीं हो सका कि टीवी देखना ही उम्र घटाने का कारण है. बस यही संबंध पता चला कि कम टीवी देखने वालों के मुकाबले ज्यादा टीवी देखने वालों को कम उम्र में मृत्यु का खतरा ज्यादा रहता है.
गोंजालेस ने कहा, "हमारा शोध इस तरफ इशारा करता है कि लोगों को अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाने की तरफ ध्यान देना चाहिए. ज्यादा सुस्त और आलसी समय को टालना चाहिए और हर रोज टीवी देखने का समय एक से दो घंटे तक ही रखना चाहिए." अमेरिकन हार्ट असोसिएशन ने भी लोगों को हर रोज करीब दो घंटे हल्की फुल्की कसरत करने की सलाह दी है.
एसएफ/ओेएसजे (एएफपी)
वे लोग जो हर रोज तीन घंटे से ज्यादा टीवी देखने वाले थे, उनकी जल्द मृत्यु की संभावना उन लोगों से लगभग दोगुनी थी जो एक घंटा या उससे भी कम समय के लिए टीवी देखते थे.
इन मामलों में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण कैंसर को पाया गया. 46 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई. 32 लोग अन्य कारणों से और 19 की मौत हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हुई.
हालांकि रिसर्चर अभी तक इस बारे में पता नहीं लगा सके हैं कि कंप्यूटर पर खर्च किए जाने वाले समय और जल्द मौत के बीच किसी तरह का संबंध है या नहीं. इससे यह भी ठीक ठीक तय नहीं हो सका कि टीवी देखना ही उम्र घटाने का कारण है. बस यही संबंध पता चला कि कम टीवी देखने वालों के मुकाबले ज्यादा टीवी देखने वालों को कम उम्र में मृत्यु का खतरा ज्यादा रहता है.
गोंजालेस ने कहा, "हमारा शोध इस तरफ इशारा करता है कि लोगों को अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाने की तरफ ध्यान देना चाहिए. ज्यादा सुस्त और आलसी समय को टालना चाहिए और हर रोज टीवी देखने का समय एक से दो घंटे तक ही रखना चाहिए." अमेरिकन हार्ट असोसिएशन ने भी लोगों को हर रोज करीब दो घंटे हल्की फुल्की कसरत करने की सलाह दी है.
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DW.DE
- तारीख 27.06.2014
- कीवर्ड टीवी, शोध, सेहत, स्वास्त्य, विज्ञान, रिसर्च, मृत्यु
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