शनिवार, 29 जुलाई 2017

रामलीला रामनगर, वाराणसी




प्रस्तुति- अमरेश सिन्हा


रामनगर
—  city  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश Flag of India.svg भारत
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला वाराणसी
जनसंख्या 39,941 (2001 तक )
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)

• 64 मीटर (210 फी॰)
निर्देशांक: 25.28°N 83.03°E रामनगर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला का एक तहसील है। रामनगर में एक किला है जिसे रामनगर किला कहते हैं और ये यहां के राजा काशी नरेश का आधिकारिक और पैतृक आवास है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं।[1] रामनगर किला]] में यहां के राजाओं का एक संग्रहालय भी है। ये राजाओं का १८वीं शताब्दी से आवास है।[2]

अनुक्रम

रामनगर की रामलीला

यहां दशहरा त्यौहार खूब रौनक और तमाशों से भरा होता है। इस अवसर पर रेशमी और ज़री के ब्रोकेड आदि से सुसज्जित भूषा में काशी नरेश की हाथी पर सवारी निकलती है और पीछे-पीछे लंबा जलूस होता है।[1] फिर नरेश एक माह लंबे चलने वाले रामनगर, वाराणसी की रामलीला का उद्घाटन करते हैं।[1] रामलीला में रामचरितमानस के अनुसार भगवान श्रीराम के जीवन की लीला का मंचन होता है।[1] ये मंचन काशी नरेश द्वारा प्रायोजित होता है अर पूरे ३१ दिन तक प्रत्येक शाम को रामनगर में आयोजित होता है।[1] अंतिम दिन इसमें भगवान राम रावण का मर्दन कर युद्ध समाप्त करते हैं और अयोध्या लौटते हैं।[1] महाराजा उदित नारायण सिंह ने रामनगर में इस रामलीला का आरंभ १९वीं शताब्दी के मध्य से किया था।[1]

सरस्वती भवन

रामनगर किले में स्थित सरस्वती भवन में मनुस्मृतियों, पांडुलिपियों, विशेषकर धार्मिक ग्रन्थों का दुर्लभ संग्रह सुरक्षित है। यहां गोस्वामी तुलसीदास की एक पांडुलिपि की मूल प्रति भी रखी है।[1] यहां मुगल मिनियेचर शैली में बहुत सी पुस्तकें रखी हैं, जिनके सुंदर आवरण पृष्ठ हैं।[1]
व्यास मंदिर, रामनगर प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब वेद व्यास जी को नगर में कहीं दान-दक्षिणा नहीं मिल पायी, तो उन्होंने पूरे नगर को श्राप देने लगे।[1] उसके तुरंत बाद ही भगवान शिव एवं माता पार्वतीएक द पति रूप में एक घर से निकले और उन्हें भरपूर दान दक्षिणा दी। इससे ऋषि महोदय अतीव प्रसन्न हुए और श्राप की बात भूल ही गये।[1] इसके बाद शिवजी ने व्यासजी को काशी नगरी में प्रवेश निषेध कर दिया।[1] इस बात के समाधान रूप में व्यासजी ने गंगा के दूसरी ओर आवास किया, जहां रामनगर में उनका मंदिर अभी भी मिलता है।[1]

भूगोल

रामनगर 25.28°N 83.03°E पर स्थित है।[3] यहां की औसत ऊंचाई ६४ मीटर (२०९ फीट) है।

सन्दर्भ


  • मित्रा, स्वाति (२००२). गुड अर्थ वाराणसी सिटी गाइड. आयशर गुडार्थ लि.. प॰ २१६. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788187780045.

  • Mitra, Swati (2002). Good Earth Varanasi city guide. Eicher Goodearth Limited. प॰ 216. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788187780045.

  • बाहरी कड़ियाँ

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