Dr.Mamta Sharan / kriti sharan

सोमवार, 21 दिसंबर 2015

भारत का विभाजन






  • दक्षिण एशिया तथा
भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास
Ajanta Padmapani.jpg
पाषाण युग (७०००–३००० ई.पू.)[दिखाएँ]
कांस्य युग (३०००–१३०० ई.पू.)[दिखाएँ]
लौह युग (१२००–२६ ई.पू.)[दिखाएँ]
मध्य राज्य (१–१२७९ ईसवी)[दिखाएँ]
देर मध्ययुगीन युग (१२०६–१५९६ ईसवी)[दिखाएँ]
प्रारंभिक आधुनिक काल (१५२६–१८५८ ईसवी)[दिखाएँ]
अन्य राज्य (११०२–१९४७ ईसवी)[दिखाएँ]
औपनिवेशिक काल (१५०५–१९६१ ईसवी)[दिखाएँ]
श्रीलंका के राज्य[दिखाएँ]
राष्ट्र इतिहास[दिखाएँ]
क्षेत्रीय इतिहास[दिखाएँ]
विशेष इतिहास[दिखाएँ]
  • द
  • वा
  • ब
चित्र:भारत का विभाजन Hindi.png
1947 और 1948 में भारतीय उपमहाद्वीप को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली और चार नए स्वतंत्र राष्ट्र बने: भारत, सीलोन (अब श्रीलंका), बर्मा (अब म्यांमार) और पाकिस्तान (जिसमें पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) शामिल है)
भारत का विभाजन माउंटबेटन योजना के आधार पर तैयार भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ के आधार पर किया गया। इस अधिनियम में काहा गया कि 15 अगस्त 1947 को भारत व पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वायत्त्योपनिवेश बना दिए जाएंगें और उनको ब्रितानी सरकार सत्ता सौंप देगी।[1] स्वतंत्रता के साथ ही 14 अगस्त को पाकिस्तान अधिराज्य (बाद में इस्लामी जम्हूरिया ए पाकिस्तान) और 15 अगस्त को भारतीय संध (बाद में भारत गणराज्य) की संस्थापना की गई। इस घटनाक्रम में मुख्यतः ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान और भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बाँट दिया गया और इसी तरह ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत को पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और भारत के पंजाब राज्य में बाँट दिया गया। इसी दौरान ब्रिटिश भारत में से सीलोन (अब श्रीलंका) और बर्मा (अब म्यांमार) को भी अलग किया गया, लेकिन इसे भारत के विभाजन में नहीं शामिल किया जाता है। इसी तरह 1971 में पाकिस्तान के विभाजन और बांग्लादेश की स्थापना को भी इस घटनाक्रम में नहीं गिना जाता है। (नेपाल और भूटान इस दौरान भी स्वतंत्र राज्य थे और इस बंटवारे से प्रभावित नहीं हुए।)
15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत और पाकिस्तान कानूनी तौर पर दो स्वतंत्र राष्ट्र बने। लेकिन पाकिस्तान की सत्ता परिवर्तन की रस्में 14 अगस्त को कराची में की गईं ताकि आखिरी ब्रिटिश वाइसराॅय लुइस माउंटबैटन, करांची और नई दिल्ली दोनों जगह की रस्मों में हिस्सा ले सके। इसलिए पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त और भारत में 15 अगस्त को मनाया जाता है।
भारत के विभाजन से करोड़ों लोग प्रभावित हुए। विभाजन के दौरान हुई हिंसा में करीब 5 लाख[2] लोग मारे गए और करीब 1.45 करोड़ शरणार्थियों ने अपना घर-बार छोड़कर बहुमत संप्रदाय वाले देश में शरण ली।[तथ्य वांछित]

अनुक्रम

  • 1 पृष्ठभूमि
  • 2 विभाजन की प्रक्रिया
    • 2.1 संपत्ति का बंटवारा
  • 3 दंगा फ़साद
  • 4 जन स्थानांतरण
  • 5 शरणार्थी
  • 6 साहित्य और सिनेमा में भारत का विभाजन
  • 7 बाहरी कडियाँ
  • 8 यह भी देखे
  • 9 संदर्भ
    • 9.1 टीका-टिप्पणी
    • 9.2 ग्रन्थ और निबंधसूची

पृष्ठभूमि

भारत के ब्रिटिश शासकों ने हमेशा ही भारत में "फूट डालो और राज्य करो" की नीति का अनुसरण किया। उन्होंने भारत के नागरिकों को संप्रदाय के अनुसार अलग-अलग समूहों में बाँट कर रखा। उनकी कुछ नीतियाँ हिन्दुओं के प्रति भेदभाव करती थीं तो कुछ मुसलमानों के प्रति। 20वीं सदी आते-आते मुसलमान हिन्दुओं के बहुमत से डरने लगे और हिन्दुओं को लगने लगा कि ब्रिटिश सरकार और भारतीय नेता मुसलमानों को विशेषाधिकार देने और हिन्दुओं के प्रति भेदभाव करने में लगे हैं। इसलिए भारत में जब आज़ादी की भावना उभरने लगी तो आज़ादी की लड़ाई को नियंत्रित करने में दोनों संप्रदायों के नेताओं में होड़ रहने लगी।
सन् 1906 में ढाका में बहुत से मुसलमान नेताओं ने मिलकर मुस्लिम लीग की स्थापना की। इन नेताओं का विचार था कि मुसलमानों को बहुसंख्यक हिन्दुओं से कम अधिकार उपलब्ध थे तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व करती थी। मुस्लिम लीग ने अलग-अलग समय पर अलग-अलग मांगें रखीं। 1930 में मुस्लिम लीग के सम्मेलन में प्रसिद्ध उर्दू कवि मुहम्मद इक़बाल ने एक भाषण में पहली बार मुसलमानों के लिए एक अलग राज्य की माँग उठाई।[तथ्य वांछित] 1935 में सिंध प्रांत की विधान सभा ने भी यही मांग उठाई। इक़बाल और मौलाना मुहम्मद अली जौहर ने मुहम्मद अली जिन्ना को इस मांग का समर्थन करने को कहा।[तथ्य वांछित] इस समय तक जिन्ना हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्ष में लगते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि कांग्रेसी नेता मुसलमानों के हितों पर ध्यान नहीं दे रहे। लाहौर में 1940 के मुस्लिम लीग सम्मेलन में जिन्ना ने साफ़ तौर पर कहा कि वह दो अलग-अलग राष्ट्र चाहते हैं
"हिन्दुओं और मुसलमानों के धर्म, विचारधाराएँ, रीति-रिवाज़ और साहित्य बिलकुल अलग-अलग हैं।.. एक राष्ट्र बहुमत में और दूसरा अल्पमत में, ऐसे दो राष्ट्रों को साथ बाँध कर रखने से असंतोष बढ़ कर रहेगा और अंत में ऐसे राज्य की बनावट का विनाश हो कर रहेगा।"[तथ्य वांछित]
हिन्दू महासभा जैसे हिन्दू संगठन भारत के बंटवारे के प्रबल विरोधी थे, लेकिन मानते थे कि हिन्दुओं और मुसलमानों में मतभेद हैं। 1937 में इलाहाबाद में हिन्दू महासभा के सम्मेलन में एक भाषण में वीर सावरकर ने कहा था - आज के दिन भारत एक राष्ट्र नहीं है, यहाँ पर दो राष्ट्र हैं-हिन्दू और मुसलमान।[3] कांग्रेस के अधिकतर नेता पंथ-निरपेक्ष थे और संप्रदाय के आधार पर भारत का विभाजन करने के विरुद्ध थे। महात्मा गांधी का विश्वास था कि हिन्दू और मुसलमान साथ रह सकते हैं और उन्हें साथ रहना चाहिये। उन्होंने विभाजन का घोर विरोध किया: "मेरी पूरी आत्मा इस विचार के विरुद्ध विद्रोह करती है कि हिन्दू और मुसलमान दो विरोधी मत और संस्कृतियाँ हैं। ऐसे सिद्धांत का अनुमोदन करना मेरे लिए ईश्वर को नकारने के समान है।"[तथ्य वांछित] बहुत सालों तक गांधी और उनके अनुयायियों ने कोशिश की कि मुसलमान कांग्रेस को छोड़ कर न जाएं और इस प्रक्रिया में हिन्दू और मुसलमान गरम दलों के नेता उनसे बहुत चिढ़ गए।
अंग्रेजों ने योजनाबद्ध रूप से हिन्दू और मुसलमान दोनों संप्रदायों के प्रति शक को बढ़ावा दिया। मुस्लिम लीग ने अगस्त 1946 में सिधी कार्यवाही दिवस मनाया और कलकत्ता में भीषण दंगे किये जिसमें करीब 5000 लोग मारे गये और बहुत से घायल हुए। ऐसे माहौल में सभी नेताओं पर दबाव पड़ने लगा कि वे विभाजन को स्वीकार करें ताकि देश पूरी तरह युद्ध की स्थिति में न आ जाए।

विभाजन की प्रक्रिया

Partition of India-en.svg
भारत के विभाजन के ढांचे को '3 जून प्लान' या माउण्टबैटन योजना का नाम दिया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमारेखा लंदन के वकील सर सिरिल रैडक्लिफ ने तय की। हिन्दू बहुमत वाले इलाके भारत में और मुस्लिम बहुमत वाले इलाके पाकिस्तान में शामिल किए गए। 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया जिसमें विभाजन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया। इस समय ब्रिटिश भारत में बहुत से राज्य थे जिनके राजाओं के साथ ब्रिटिश सरकार ने तरह-तरह के समझौते कर रखे थे। इन 565 राज्यों को आज़ादी दी गयी कि वे चुनें कि वे भारत या पाकिस्तान किस में शामिल होना चाहेंगे। अधिकतर राज्यों ने बहुमत धर्म के आधार पर देश चुना। जिन राज्यों के शासकों ने बहुमत धर्म के अनुकूल देश चुना उनके एकीकरण में काफ़ी विवाद हुआ (देखें भारत का राजनैतिक एकीकरण)। विभाजन के बाद पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्य के रूप में शामिल किया गया और भारत ने ब्रिटिश भारत की कुर्सी संभाली।[4]

संपत्ति का बंटवारा

ब्रिटिश भारत की संपत्ति को दोनों देशों के बीच बाँटा गया लेकिन यह प्रक्रिया बहुत लंबी खिंचने लगी। गांधीजी ने भारत सरकार पर दबाव डाला कि वह पाकिस्तान को धन जल्दी भेजे[तथ्य वांछित] जबकि इस समय तक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरु हो चुका था और दबाव बढ़ाने के लिए अनशन शुरु कर दिया। भारत सरकार को इस दबाव के आगे झुकना पड़ा और पाकिस्तान को धन भेजना पड़ा। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी के इस काम को उनकी हत्या करने का एक कारण बताया।[तथ्य वांछित]

दंगा फ़साद

बहुत से विद्वानों का मत है कि ब्रिटिश सरकार ने विभाजन की प्रक्रिया को ठीक से नहीं संभाला। चूंकि स्वतंत्रता की घोषणा पहले और विभाजन की घोषणा बाद में की गयी, देश में शांति कायम रखने की जिम्मेवारी भारत और पाकिस्तान की नयी सरकारों के सर पर आई। किसी ने यह नहीं सोचा था कि बहुत से लोग इधर से उधर जाएंगे। लोगों का विचार था कि दोनों देशों में अल्पमत संप्रदाय के लोगों के लिए सुरक्षा का इंतज़ाम किया जाएगा। लेकिन दोनों देशों की नयी सरकारों के पास हिंसा और अपराध से निबटने के लिए आवश्यक इंतज़ाम नहीं था। फलस्वरूप दंगा फ़साद हुआ और बहुत से लोगों की जाने गईं और बहुत से लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा। अंदाज़ा लगाया जाता है कि इस दौरान लगभग 5 लाख से 30 लाख लोग मारे गये[तथ्य वांछित], कुछ दंगों में, तो कुछ यात्रा की मुश्किलों से।

जन स्थानांतरण

विभाजन के दौरान पंजाब में एक ट्रेन पर शरणार्थी
विभाजन के बाद के महीनों में दोनों नये देशों के बीच विशाल जन स्थानांतरण हुआ। पाकिस्तान में बहुत से हिन्दुओं और सिखों को बलात् बेघर कर दिया गया। लेकिन भारत में गांधीजी ने कांग्रेस पर दबाव डाला और सुनिश्चित किया कि मुसलमान अगर चाहें तो भारत में रह सकें। सीमा रेखाएं तय होने के बाद लगभग 1.45 करोड़ लोगों ने हिंसा के डर से सीमा पार करके बहुमत संप्रदाय के देश में शरण ली। 1951 की विस्थापित जनगणना के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए।[तथ्य वांछित] इसमें से 78 प्रतिशत स्थानांतरण पश्चिम में, मुख्यतया पंजाब में हुआ।

शरणार्थी

भारत में आए शरणार्थी पश्चिम में मुख्यतः पंजाब और दिल्ली में और पूर्व में मुख्यतः पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में बसाए गए। सिंध से आए शरणार्थी गुजरात और राजस्थान में बसे। पंजाबी बोलने वाले मुस्लिम मुख्यतः पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बसे और जल्दी ही वहाँ सम्मिलित हो गए। लेकिन उर्दू बोलने वाले मुस्लिम जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद और अन्य प्रांतों से पाकिस्तान गए उन्हें वहाँ बसने और सम्मिलित होने में बहुत कठिनाइयाँ आईं। इन शरणार्थियों को मुहाजिर का नाम दिया गया।

साहित्य और सिनेमा में भारत का विभाजन

भारत के विभाजन और उसके साथ हुए दंगे-फ़साद पर कई लेखकों ने उपन्यास और कहानियाँ लिखी हैं, जिनमें से मुख्य हैं,
  • झूठा सच- यशपाल
  • तमस - भीष्म साहनी
  • पिंजर - अमृता प्रीतम
  • ट्रेन टु पाकिस्तान- खुशवंत सिंह
  • मिडनाइट्स चिल्ड्रन (आधी रात की सन्तानें)- सलमान रुशदी
पिंजर को फिल्म और तमस को प्रसिद्ध दूरदर्शन धारावाहिक के रूप में रूपांतरित किया गया है। इसके अलावा गरम हवा, दीपा महता की अर्थ (ज़मीन), कमल हसन की हे राम भी भारत के विभाजन पर आधारित हैं।

बाहरी कडियाँ

यह भी देखे

  • माउण्टबैटन योजना
  • पाकिस्तान का विभाजन
  • कश्मीर समस्या

संदर्भ

टीका-टिप्पणी


  • सुभाष कश्यप-भारत का संविधान पृ-22
    1. टॉमस आरगीसी, Nations, States, and Secession: Lessons from the Former Yugoslavia, मेडटरेनियन क्वॉटरली, Volume 5 Number 4 Fall 1994, पृ. 40–65, ड्यूक यूनिवर्सिटी प्रेस

    ग्रन्थ और निबंधसूची

    • Select Research Bibliography on the Partition of India, Compiled by Vinay Lal, Department of History, UCLA; University of California at Los Angeles list
    • A select list of Indian Publications on the Partition of India (Punjab & Bengal); University of Virginia list
    • South Asian History: Colonial India — University of California, Berkeley Collection of documents on colonial India, Independence, and Partition
    • Indian Nationalism — Fordham University archive of relevant public-domain documents
    [दिखाएँ]
    • द
    • वा
    • ब
    भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
    श्रेणियाँ:
    • भारत का विभाजन
    • दक्षिण एशिया
    • भारत का इतिहास

    दिक्चालन सूची

    • लॉग इन नहीं किया है
    • इस आई॰पी के लिये वार्ता
    • Contributions
    • अंक परिवर्तन
    • खाता बनाएँ
    • लॉग इन
    • लेख
    • संवाद
    • पढ़ें
    • सम्पादन
    • इतिहास देखें
    • मुखपृष्ठ
    • चौपाल
    • हाल में हुए परिवर्तन
    • समाज मुखपृष्ठ
    • निर्वाचित विषयवस्तु
    • यादृच्छिक लेख

    योगदान

    • प्रयोगपृष्ठ
    • अनुवाद हेतु लेख
    • आयात अनुरोध
    • विशेषाधिकार निवेदन
    • दान

    सहायता

    • सहायता
    • स्वशिक्षा
    • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
    • देवनागरी कैसे टाइप करें
    • त्वरितवार्ता (आई॰आर॰सी चैनल)
    • दूतावास (Embassy)

    उपकरण

    • यहाँ क्या जुड़ता है
    • पृष्ठ से जुड़े बदलाव
    • फ़ाइल अपलोड करें
    • विशेष पृष्ठ
    • स्थायी कड़ी
    • इस पृष्ठ पर जानकारी
    • Wikidata प्रविष्टि
    • छोटा यू॰आर॰एल
    • यह लेख उद्धृत करें

    विकि रुझान

    • आज के रुझान
    • हफ्ते भर के
    • महीने भर के

    मुद्रण/निर्यात

    • पुस्तक बनायें
    • पीडीएफ़ रूप डाउनलोड करें
    • प्रिन्ट करने लायक

    अन्य भाषाओं में

    • Alemannisch
    • العربية
    • বাংলা
    • Català
    • Dansk
    • Deutsch
    • English
    • Esperanto
    • Español
    • Euskara
    • فارسی
    • Suomi
    • Võro
    • Français
    • ગુજરાતી
    • עברית
    • Bahasa Indonesia
    • Italiano
    • 日本語
    • ქართული
    • ಕನ್ನಡ
    • 한국어
    • മലയാളം
    • Монгол
    • मराठी
    • Bahasa Melayu
    • नेपाली
    • Nederlands
    • Norsk nynorsk
    • Norsk bokmål
    • ਪੰਜਾਬੀ
    • Português
    • Română
    • Русский
    • संस्कृतम्
    • Srpskohrvatski / српскохрватски
    • සිංහල
    • Simple English
    • Српски / srpski
    • Basa Sunda
    • தமிழ்
    • తెలుగు
    • Українська
    • اردو
    • Tiếng Việt
    • 中文
    • 粵語
    कड़ी संपादित करें

  • TIME Essay HURRYING MIDNIGHT

  • V.D. Savarkar, Samagra Savarkar Wangmaya Hindu Rasthra Darshan (Collected works of V.D.Savarkar) Vol VI, Maharashtra Prantik Hindusabha, Poona, 1963, पृष्ठ 296

  • प्रस्तुतकर्ता ASBAbalnews.blogsport.com पर 8:11 am
    इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

    कोई टिप्पणी नहीं:

    एक टिप्पणी भेजें

    नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ
    सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

    फ़ॉलोअर

    मेरे बारे में

    ASBAbalnews.blogsport.com
    मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

    ब्लॉग आर्काइव

    • ►  2023 (6)
      • ►  दिसंबर (1)
      • ►  अगस्त (2)
      • ►  जुलाई (1)
      • ►  मार्च (1)
      • ►  जनवरी (1)
    • ►  2022 (34)
      • ►  दिसंबर (1)
      • ►  नवंबर (2)
      • ►  अक्टूबर (5)
      • ►  सितंबर (1)
      • ►  अगस्त (3)
      • ►  जून (2)
      • ►  अप्रैल (3)
      • ►  मार्च (6)
      • ►  फ़रवरी (3)
      • ►  जनवरी (8)
    • ►  2021 (99)
      • ►  दिसंबर (10)
      • ►  नवंबर (4)
      • ►  अक्टूबर (9)
      • ►  सितंबर (13)
      • ►  अगस्त (7)
      • ►  जुलाई (4)
      • ►  जून (10)
      • ►  अप्रैल (11)
      • ►  मार्च (10)
      • ►  फ़रवरी (6)
      • ►  जनवरी (15)
    • ►  2020 (33)
      • ►  दिसंबर (1)
      • ►  अगस्त (5)
      • ►  जुलाई (19)
      • ►  जून (3)
      • ►  अप्रैल (1)
      • ►  मार्च (4)
    • ►  2017 (20)
      • ►  सितंबर (1)
      • ►  जुलाई (15)
      • ►  मई (2)
      • ►  अप्रैल (1)
      • ►  मार्च (1)
    • ►  2016 (18)
      • ►  अक्टूबर (1)
      • ►  सितंबर (2)
      • ►  अगस्त (9)
      • ►  जून (2)
      • ►  मार्च (2)
      • ►  फ़रवरी (2)
    • ▼  2015 (101)
      • ▼  दिसंबर (3)
        • भारत का विभाजन
        • अनुवाद अनुदित कहानी
        • हिन्दू विवाह अधिनियम
      • ►  नवंबर (5)
      • ►  अक्टूबर (54)
      • ►  सितंबर (20)
      • ►  जून (1)
      • ►  मई (10)
      • ►  अप्रैल (1)
      • ►  मार्च (2)
      • ►  फ़रवरी (3)
      • ►  जनवरी (2)
    • ►  2014 (98)
      • ►  दिसंबर (9)
      • ►  नवंबर (21)
      • ►  अक्टूबर (19)
      • ►  सितंबर (21)
      • ►  जुलाई (3)
      • ►  जून (6)
      • ►  मई (9)
      • ►  अप्रैल (3)
      • ►  मार्च (7)
    • ►  2013 (25)
      • ►  अगस्त (10)
      • ►  जुलाई (1)
      • ►  मई (1)
      • ►  मार्च (4)
      • ►  फ़रवरी (2)
      • ►  जनवरी (7)
    • ►  2012 (75)
      • ►  दिसंबर (13)
      • ►  सितंबर (7)
      • ►  अगस्त (17)
      • ►  जुलाई (4)
      • ►  अप्रैल (2)
      • ►  मार्च (1)
      • ►  फ़रवरी (13)
      • ►  जनवरी (18)
    वाटरमार्क थीम. Blogger द्वारा संचालित.